About us

The Kusum Yojana is a government initiative aimed at uplifting the social and economic status of farmers in the country. Under this scheme, efforts are being made to ensure fast and reliable communication in rural areas through advanced technologies. The Identity Development Center also plays a role in facilitating these developments.

One of the key components of this initiative is the Solar Pump Yojana, launched by the Government of India. The goal of this scheme is to provide a 24-hour electricity supply in villages by enabling farmers to generate solar power on their own land. This will help reduce the dependency on diesel and kerosene, cutting down fuel expenses and promoting clean energy.

🌞 सबमर्सिबल पंप योजना

किसानों के लिए एक सशक्त और आत्मनिर्भर भविष्य की ओर कदम

केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई सोलर पंप योजना (प्रधानमंत्री कुसुम योजना) किसानों को सस्ती और टिकाऊ ऊर्जा उपलब्ध कराने की एक क्रांतिकारी पहल है। इस योजना के तहत किसान अपनी बंजर या अनुपयोगी भूमि पर सौर ऊर्जा उपकरण स्थापित कर सकते हैं और महंगी बिजली या डीजल पर निर्भरता से मुक्त हो सकते हैं।


सोलर पंप योजना का लाभ

  • किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए केवल 10% अग्रिम राशि का भुगतान करना होगा।
  • 90% तक की सब्सिडी केंद्र सरकार द्वारा सीधे किसानों के बैंक खाते में प्रदान की जाएगी।
  • सौर ऊर्जा प्लांट बंजर भूमि पर भी लगाए जा सकते हैं, जिससे उस जमीन का भी सही उपयोग हो सकेगा।
  • किसानों को बिजली की किल्लत या डीजल के खर्च से छुटकारा मिलेगा, जिससे खेती अधिक लाभकारी होगी।

🔍 मुख्य विशेषताएं

  • सिर्फ 10% निवेश, 90% सब्सिडी सरकार द्वारा।
  • सीधी सब्सिडी ट्रांसफर – सब्सिडी सीधे आपके बैंक खाते में।
  • बिजली और डीजल से छुटकारा, सौर ऊर्जा से सस्ती सिंचाई।
  • बंजर भूमि का उपयोग, जिससे खेती का दायरा बढ़ेगा।

🎯 योजना का उद्देश्य

इस योजना का लक्ष्य देश के किसानों को ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करना है।
सरकार का उद्देश्य है कि 2023 तक लगभग 5 करोड़ पंप डीजल या बिजली की बजाय सौर ऊर्जा से संचालित हों।
इस योजना पर कुल अनुमानित 1.40 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है।


👨‍🌾 पात्रता (Eligibility)

  • आवेदनकर्ता किसान होना चाहिए
  • आधार कार्ड अनिवार्य है।
  • बैंक खाता होना जरूरी है क्योंकि सब्सिडी उसी में ट्रांसफर होगी।

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परतिस्पर्धी बने रहने के लिए किसानों को प्रौद्योगिकी, विज्ञान और व्यवसाय प्रबंधन के विकास में शीर्ष पर रखना हमरा प्रथम उद्देश्य है


जैविक खेती, किसान और खाद्य संसाधक पर्यावरण को संरक्षित करने वाली कृषि विधियों का सही से उपयोग करते हैं।


भारत में अधिकांश खेत छोटे हैं, जिनमे नकद कम आय वाले हैं, इसलिए ये भुगतान प्रणाली का होना बहुत उपयोगी है जिसे किसान और परिवार स्वीकार कर सकें


कृषि, जिसमें मृत्यु दर और गंभीर चोटों की उच्च दर है, भारत में सबसे मेहनती एवं खतरनाक व्यवसायों में से एक है।


तकनीकी प्रगति ने आधुनिक खेतों और कृषि कार्यों के काम करने के तरीके को बदल दिया है, मुख्य रूप से प्रौद्योगिकी में प्रगति के कारण